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    पृथ्वी की परतें layers of earth in hindi

    विषय-सूचि

    पृथ्वी की परतें (earth layers in hindi)

    कई प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष स्रोतों के अध्ययन के हिसाब से पृथ्वी की परतों को विभाजत किया गया है। पृथ्वी का आंतरिक हिस्सा कई कंक्रीट परतों से बना हुआ है।

    केमिकल विशेषताओं के आधार पर पृथ्वी के परतों को तीन भागों में बांटा गया है:

    • क्रस्ट
    • मेंटल
    • कोर

    क्रस्ट (Crust in Hindi)

    क्रस्ट पृथ्वी के सतह का बाहरी पतला परत है जिसकी मोटाई 35 से 40 किमी है। महासागरीय एवं महाद्वीपों के आधार पर क्रस्ट की मोटाई अलग अलग है।

    महासागर के नीचे क्रस्ट 5 से 30 किमी मोटा है एवं महाद्वीप वाले भागों में 35 से 40 किमी तक मोटा है। जिन भागों में पहाड़ है वहां क्रस्ट की मोटाई और अधिक हो सकती है।

    हिमालय पर्वत श्रृंखला वाले भाग में क्रस्ट की मोटाई 70 से 100 किमी तक पाई गयी है।

    क्रस्ट पृथ्वी के भार का 5 से 10 प्रतिशत हिस्सा है। मोहोरोविकिक (मोहो) डिस्कन्टिन्यूइटी क्रस्ट एवं मेंटल के एस्थेनोस्फेयर भाग के बीच की सीमा है।

    क्रस्ट का बाहरी भाग सेडेमेंटरी पदार्थों से बना हुआ है जिनमे ग्रेनाइट के पत्थर प्रमुख हैं। उसके नीचे क्रिस्टलाइन, मेटामॉरफिक एवं सेडीमेंटरी पत्थर हैं जो अम्लीय (acidic) प्रकार के होते हैं।

    क्रस्ट के निचले स्तर बेसाल्टिक एवं अल्ट्रा बेसिक पत्थरों से मिलकर बने हुए हैं।

    महाद्वीप भाग में क्रस्ट के परत हलके सिलिकेट (सिलिकॉन एवं एल्युमीनियम के मिश्रण से बने पदार्थ) एवं महासागरीय भाग में भारी सिलिकेट या सीमा (सिलिकॉन एवं मैग्नीशियम के मिश्रण से बने पदार्थ) पाए जाते हैं।

    मैंटल (Mantle in Hindi)

    पृथ्वी के सतह से 35 किमी नीचे मोहो डिस्कन्टिन्यूइटी से शुरू होता है एवं 2900 किमी तक (मोहो डिस्कन्टिन्यूइटी बाहरी कोर) गहरा है।

    मेंटल का सबसे ऊपरी परत एस्थेनोस्फेयर कहलाता है जो मोटाई में 10 से 200 किमी तक है। मेंटल का निचला स्तर इसके नींचे से शुरू होता है।

    इस स्तर में मेंटल का घनत्व 2.9 से 3.3 के बीच रहता है। यह ठोस पत्थर एवं मैग्मा से मिलकर बना हुआ है। मेंटल पृथ्वी के आयतन का 83 प्रतिशत भाग है।

    मेंटल का बाहरी भाग सीमैटिक (सिलिकॉन+ मेग्नीशियम के पत्थर से बना हुआ) एवं आंतरिक परत पूरी तरह से सीमैटिक अल्ट्रा बेसिक पत्थरों से मिलकर बना हुआ है। काफी

    एस्थेनोस्फेयर

    aestho शब्द का मतलब कमजोर होता है। एस्थेनोस्फेयर क्रस्ट के निचले स्तर से शुरू होता है एवं मेंटल के शुरुआती स्तर तक मौजूद रहता है।

    इसका फैलाव (extension) 400 किमी तक हो सकता है। यह मैग्मा का प्रमुख स्रोत है जहाँ से मैग्मा शुरू होता है एवं सक्रिय ज्वालामुखी के द्वारा पृथ्वी के सतह तक पहुँचता है। एस्थेनोस्फेयर का घनत्व क्रस्ट से काफी ज्यादा है।

    कोर (Core in Hindi)

    कोर का परत पृथ्वी के सतह से 2900 से 6400 किमी नीचे शुरू होता है। यह पृथ्वी के आयतन (volume) का 16 प्रतिशत भाग है।

    कोर वाले परत में कुछ बहुत भारी धातु मौजूद  हैं जिनका आयतन एवं घनत्व बहुत मात्रा में होता है। यहाँ लोहा एवं nickel धातुओं की मौजूदगी सबसे ज्यादा है।

    कोर का बाहरी हिस्सा द्रव्य रूप में है एवं आंतरिक हिस्सा ठोस है। बहुत सारे heavy metals का मिश्रण एवं सिलिकेट कोर को दूसरी परत से अलग करती है।

    सिस्मैटिक डिस्कन्टीन्युटी : मोहोरोविकिक डिस्कन्टिन्यूइटी क्रस्ट को मेंटल भाग से अलग करता है एवं इसकी मोटाई 35 किमी है। यह मैंटल स्तर का भाग है।

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