Fri. Apr 19th, 2024
    पीओके के नागरिक

    पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की आवाम महंगाई में वृद्धि और ज्यादा शुल्क अदा करने से अत्यधिक चुनौतियों का सामना कर रही है। यह अमल पाकिस्तानी सरकार ने फायदे के लिए किया है। अपनी अक्षम नीतियों के कारण हाल ही में पाकिस्तान ने विभिन्न आर्थिक चुनौतियों का सामना किया है।

    पीओके के प्रति सरकार का उदासीन रवैया

    स्थानीय लोगो ने सरकार और पाकिस्तानी प्रधानमन्त्री इमरान खान पर अपने समुदाय के प्रति उदासीन रवैया अख्तियार करने का आरोप लगाया है और समृद्धता लाने के सभी दावो की निंदा की है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस क्षेत्र के कल्याण के लिए पाकिस्तान ने असल में कुछ भी नहीं किया है।

    मुज़फ्फराबाद में रिक्शा चलाने वाले मुमान मनीर ने पीओके के मौजूदा वित्तीय संकट के बाबत बताया कि “पाकिस्तान को बदलने के बहाने से इमरान खान ने लोगो की जिंदगियों को बदतर बना दिया है। भारी शुल्को को थोपा गया है। अब, कैसे कोई व्यक्ति कोई व्यक्ति अपना गुजारा चलाने के लिए प्रतिदिन 500 रूपए कमा सकता है। कैसे गरीब जनता इससे जूझेगी।”

    मुनिर ने कहा कि “अमीर सरकार के अधिकारी इसे यह खर्चा उठा सकते हैं हम नहीं। हम अपनी रोजाना की कमाई पर निर्भर है। हम सिर्फ इतना कहना चाहते हैं कि अगर पाकिस्तान हमारा कल्याण चाहता है तो उसे कुछ करना चाहिए और आम नागरिकों का शोषण करना बंद करना चाहिए।”

    ईंधन, भोजन और परिवहन की कीमतों में तीव्र वृद्धि ने इस इलाके की जनता के घरो के बजट को बिगाड़ दिया है। एक युवा पेंडेंट बेचने वाले मोहम्मद सलमान ने कहा कि “सब कुछ महंगा होता जा रहा है। शुरुआत में मैं हर महीने 500 रूपए की बचत कर लेता था लेकिन अब मेरी महीने की बचत सिर्फ 300 हैं। इमरान खान ने सब कुछ महंगा कर दिया है। खाने का सामान मंहगा है और कमरे का किराया मंहगा हो गया है।”

    महंगाई अपने चरम पर

    इलाके के अन्य स्थानीय नागरिकों ने कहा कि “महंगाई उस स्तर पर पंहुच चुकी है, जहां आम आदमी के लिए जीविका चलाना असंभव है। आप खुद देख सकते हैं, पेट्रोल की कीमत 90 रूपए थी और अब 160 के पार पंहुच चुकी है। आटे के एक पैकेट की कीमत पहले 900 रूपए थी और अब यह 1100 रूपए के पार पंहुच गया है।

    गैर कानूनी तरीके से कब्जाए पीओके और बलूचिस्तान की आर्थिक नीतिया इस्लामबाद की सनक और पसंद पर निर्भर होती है। पाक में मार्च में उपभोक्ता कीमतों में महंगाई में 9.41 प्रतिशत हुई थी, जो बीते पांच सालो में सबसे उच्च स्तर पर थी।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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