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    पाकिस्तान में विपक्षी दलों ने भ्रष्टाचार पर निगाह रखने वाली वैश्विक संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के भ्रष्टाचार सूचकांक में पाकिस्तान की स्थिति और खराब होने पर शुक्रवार को इमरान सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की यह रिपोर्ट सरकार के खिलाफ एक चार्जशीट के समान है। इससे प्रधानमंत्री इमरान खान की भ्रष्टाचार के खिलाफ की जाने वाली बड़ी-बड़ी बातों का पर्दाफाश हो गया है। जबकि, इमरान सरकार ने ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट को ‘पक्षपातपूर्ण’ और ‘पूर्वाग्रह से ग्रस्त’ बताते हुए इसे खारिज कर दिया है।

    ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के भ्रष्टाचार सूचकांक 2019 में पाकिस्तान 2018 के मुकाबले तीन पायदान और फिसलकर 180 देशों की सूची में 120वें स्थान पर आ गया है।

    पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) की प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने कहा, “ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट नया पाकिस्तान परियोजना की विफलता का प्रमाण है। रिपोर्ट ने बताया है कि इमरान सरकार के 16 महीने के कार्यकाल में जितना भ्रष्टाचार हुआ है, उतना बीते पूरे एक दशक में किसी और सरकार के कार्यकाल में नहीं देखा गया। यह रिपोर्ट सरकार के मुंह पर तमाचा है क्योंकि इसने सुशासन और भ्रष्टाचार विरोध के झूठ को बेनकाब कर दिया है।”

    पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की सीनेटर शेरी रहमान ने कहा कि ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट ने देश की कथित जवाबदेही प्रक्रिया की पोलपट्टी खोल कर रख दी है। इमरान सरकार ने तो भ्रष्टाचार खत्म करने के बजाए इसे अंजाम देने का नया रिकार्ड ही बना दिया है।

    दूसरी तरफ, इमरान सरकार ने ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट को पक्षपातपूर्ण व पूर्वाग्रह से ग्रस्त बताकर खारिज कर दिया है।

    पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की सूचना मामलों की सलाहकार फिरदौस आशिक अवान ने शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, “ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की ट्रांसपेरेंसी (पारदर्शिता) पर बहुत बड़ा सवालिया निशान लगा हुआ है। यह हमारी गलती रही कि हमने ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल पाकिस्तान के प्रमुख की खुशामदें नहीं कीं और उनका कार्यकाल पूरा होने पर उन्हें रिटायर हो जाने दिया। यह पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के तौर-तरीके से बिलकुल उलट था। इसी से पता चलता है कि उनके (पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के) शासनकाल में ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट इतनी अनुकूल क्यों रहती थी।”

    उन्होंने कहा, “रिपोर्ट बता रही है कि सबसे कम भ्रष्टाचार पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के शासनकाल में रहा। इस पर हंसा ही जा सकता है। भ्रष्टाचार के राजाओं, जोकि इस वक्त देश की अदालतों में मुकदमों का सामना कर रहे हैं, को क्लीनचिट दिए जाने से ही साफ है कि यह रिपोर्ट निष्पक्ष या ट्रांसपेरेंट नहीं बल्कि पक्षपातपूर्ण है।”

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