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    नेपाल सेना प्रमुख

    भारत के साथ युद्धाभ्यास करने के लिए मना करने के कुछ दिन के भीतर ही नेपाल नें भारत को एक और झटका दिया है। इस बार नेपाल के सेना प्रमुख नें पहले से निश्चित एक कार्यक्रम के लिए भारत आने से मना कर दिया है।

    आपको बता दें कि भारत और नेपाल समेत कई देशों के सेना प्रमुख 16 सितम्बर को भारत में एक मुलाकात करने वाले थे। इसके लिए अब नेपाल के सेना प्रमुख पूर्ण चन्द्र थापा नें शामिल होनें से इंकार कर दिया है।

    भारत और नेपाल के बीच पिछले कई दिनों से तनातनी जारी है।

    जाहिर है इस सप्ताह से भारत और नेपाल समेत बिम्सटेक देशों का एक रक्षा सम्मलेन होने वाला था, जिसमें आतंकवाद और सुरक्षा जैसे मुद्दों पर बातचीत होनी थी। नेपाल नें पहले इसमें शामिल होने की बात कही थी, लेकिन अचानक ही नेपाल नें इसमें शामिल होने से मना कर दिया था।

    इसके पीछे नेपाल नें अन्ध्रुनी कारण बताये थे। भारत नें हालाँकि नेपाल के इस फैसले पर नाराजगी जताई है और नेपाल से कहा है कि ये कारण विश्वास करने योग्य नहीं है।

    नेपाल नें भारत को मना करने के बाद चीन के साथ युद्धाभ्यास करने के लिए हामी भर ली है। इस कारण से भी भारत को बड़ा झटकर लगा है।

    बिम्सटेक क्या है?

    बिम्सटेक एक समूह है, जिसमें बांग्लादेश, भारत, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड, भूटान और नेपाल शामिल हैं। इस समूह में विश्व की 22 फीसदी जनसँख्या शामिल है और इन देशों का कुल जीडीपी 2.8 ट्रिलियन डॉलर है।

    भारतीय अधिकारीयों के मुताबिक ये सभी देश इस सप्ताह से एक सामूहिक ड्रिल करने वाले थे, जिसमें अचानक ही नेपाल नें शामिल होने से मना कर दिया था।

    नेपाल के नव-निर्वाचित सेना प्रमुख नें कहा कि वे पहले से ही काफी व्यस्त हैं और आने वाले कुछ दिनों में कोई भी बाहरी कार्य करने में असमर्थ हैं।

    भारत नें इस पर कहा कि यह कारण विश्वास योग्य नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि नेपाल नें चीन के साथ एक सामूहिक मिलिट्री ड्रिल करने का फैसला किया है, जो इसी महीनें होनी है। ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि नेपाल नें भारत और चीन में से चीन को चुना है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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