Wed. Apr 24th, 2024
    नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी

    बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद भवन में मुलाक़ात की। मुलाक़ात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने आज पहली बार बागी रुख अपनाने वाले जेडीयू के वरिष्ठ नेता और अपने डेढ़ दशक पुराने मित्र शरद यादव को लेकर कुछ कहा। नीतीश कुमार ने कहा कि हमने जो भी फैसला लिया है उसमें पूरी पार्टी की सहमति है। काफी सोच-विचार और सबकी सहमति से यह फैसला लिया गया था। अगर इसके बाद भी किसी को कोई ऐतराज है तो वह पार्टी मंच पर अपनी नाराजगी जाहिर कर सकता है। उन्होंने कहा कि शरद यादव पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं है और वह अपनी राह चुनने के लिए स्वतंत्र है। हालांकि शरद यादव पर पार्टी द्वारा की जाने वाली अनुशासनात्मक कार्रवाई के सवाल पर नीतीश कुमार ने कोई जवाब नहीं दिया।

    नीतीश कुमार ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद भवन में औपचारिक मुलाक़ात की। नीतीश कुमार ने कहा कि वह अगस्त के आखिर तक प्रधानमंत्री मोदी से फिर मिलेंगे और बिहार के मुद्दों और विकास योजनाओं को लेकर उनसे बात करेंगे। इस मुलाक़ात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। माना जा रहा है कि नीतीश कुमार अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद यादव के बागी तेवरों को देखते हुए प्रधानमंत्री से मिलने आये थे। वहीं यह केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार से पहले हुई मुलाक़ात भी कही जा रही है। बता दें कि इसी महीने मोदी कैबिनेट का विस्तार होने वाला है। बिहार में भाजपा-जेडीयू गठबंधन के बाद से ही जेडीयू को मोदी कैबिनेट में जगह मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। जेडीयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव भाजपा के साथ जाने के नीतीश कुमार के फैसले से नाराज बताये जा रहे हैं और वह फिलहाल अपने तीन दिवसीय यात्रा पर बिहार में हैं। शरद यादव पिछले कुछ समय से लगातार विपक्षी नेताओं से मुलाक़ात कर रहे हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि वह पार्टी के नाराज विधायकों के साथ लालू यादव और कांग्रेस की अगुवाई वाले महागठबंधन में शामिल हो सकते हैं।

    By हिमांशु पांडेय

    हिमांशु पाण्डेय दा इंडियन वायर के हिंदी संस्करण पर राजनीति संपादक की भूमिका में कार्यरत है। भारत की राजनीति के केंद्र बिंदु माने जाने वाले उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले हिमांशु भारत की राजनीतिक उठापटक से पूर्णतया वाकिफ है।मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद, राजनीति और लेखन में उनके रुझान ने उन्हें पत्रकारिता की तरफ आकर्षित किया। हिमांशु दा इंडियन वायर के माध्यम से ताजातरीन राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर अपने विचारों को आम जन तक पहुंचाते हैं।