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    पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमन्त्री नवाज़ शरीफ

    पाकिस्तान के सात से बेदखल प्रधानमन्त्री नवाज़ शरीफ को अल अजीजिया स्टील मिल मामले में सात साल की कारावास की सज़ा हुई थी। पूर्व प्रधानमंत्री ने इस भ्रष्टाचार मामले में आये आदेश को चुनौती दी है। नवाज़ शरीफ के वकील ने रविवार को बताया कि इस मामले के खिलाफ इसी सप्ताह इस्लामाबाद अदालत में याचिका दाखिल करेंगे।

    बीते सोमवार को इस्लामाबाद की भ्रष्टाचार निरोधक अदालत ने पूर्व प्रधानमन्त्री नवाज़ शरीफ को सात साल की कारावास की सज़ा सुनाई थी। एवेनफील्ड प्रॉपर्टीज केस, फ्लैगशिप इन्वेस्टमेंट और अल अजीजिया स्टील मिल केस को भ्रष्टाचार विरोधी विभाग ने 8 सितम्बर 2017 को अदालत के समक्ष रखा था, इसकी कार्रवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने नवाज़ शरीफ को अयोग्य करार दिया था।

    साथ ही जवाबदेही अदालत ने 25 लाख डॉलर और 15 लाख पौंड का जुर्माना भी लगाया था। नवाज़ शरीफ के वकील ख्वाजा हैरिस ने कहा कि हमने इस निर्णय के खिलाफ दस्तावेज तैयार कर लिए हैं और इसी सप्ताह हम याचिक इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल करेंगे। उन्होंने कहा कि हमें जवाबदेही अदालत से न्याय मिलने की उम्मीद है, क्योंकि जवाबदेही अदालत में कई प्रकार के लफड़े हैं।

    नवाज़ शरीफ की कानूनी टीम ने लखपत जेल में उनसे मुलाकात कर चर्चा की थी। इसके बाद टीम ने शरीफ के रायविंद स्थित जाति उमरा आवास भी पंहुचे थे और उनकी बेटी मरियम से भी मुलाकात की थी।

    नवाज़ शरीफ को जुलाई 2017 में पनामा पेपर मामले में शीर्ष अदालत ने अयोग्य घोषित कर दिया था। जुलाई, 2018 में नवाज़ शरीफ, उनकी पुत्री मरयम और दामाद काप्यें मुहम्मद सफ़दर को क्रमशः बारह, आठ और एक वर्ष के कारावास की सज़ा सुनाई थी। अलबत्ता तीनो को सितम्बर 2017 में इस्लामाबाद उच्च न्यायलय ने जमानत दे दी थी।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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