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    नंदन नीलेकणि

    इनफ़ोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणि को आज कंपनी ने बोर्ड का चेयरमैन नियुक्त कर लिया है। कंपनी का दावा है कि इससे कम्पनी में स्थिरता आएगी और वरिष्ठ अधिकारीयों के बीच कलह ख़तम होगी।

    इससे पहले कंपनी के मुख्य कार्य अधिकारी विशाल सिक्का और कंपनी बोर्ड के चेयरमैन आर शेषासायी ने इस्तीफा दे दिया था। इसके चलते कंपनी के संस्थापक नारायण मूर्ति और बोर्ड के सदस्यों के बीच जुबानी जुंग शुरू हो गयी थी। बोर्ड के सदस्यों ने नारायण मूर्ति को कंपनी छोड़ने को कह दिया था।

    कंपनी का दावा है कि इस फैसले से कंपनी में फिर से शान्ति आ जायेगी। इसके साथ ही कंपनी ने विशाल सिक्का और पूर्व बोर्ड चेयरमैन का इस्तीफा भी मंजूर कर दिया है। अपनी नियुक्ति पर नीलेकणि ने कहा, ‘इनफ़ोसिस में वापसी पर मुझे बहुत ख़ुशी है। मैं विशाल सिक्का का धन्यवाद करता हूँ जिन्होंने तीन साल इनफ़ोसिस का कार्यभार संभाला। मैं उन्हें उनके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ।’

    आपको बता दें कि नंदन नीलेकणि इनफ़ोसिस के सह–संस्थापक हैं। नंदन 2002 से 2007 तक कंपनी के मुख्य अधिकारी थे। 2007 में वे कंपनी छोड़कर भारतीय सर्कार के लिए काम करने लगे। इसके बाद नंदन ने लोक सभा का चुनाव भी लड़ा था।

    इससे पहले कुछ दिनों से कंपनी में लगातार बयानबाजी जारी है। बोर्ड के सदस्यों ने एक बयां में नारायण मूर्ति पपर आरोप लगते हुए कहा था कि इस सबके जिम्मेदार वही हैं। बोर्ड के एक सदस्य ने तो मूर्ति को कंपनी छोड़ने के लिए भी कह दिया था।

    यह सब तब शुरू हुआ था जब बोर्ड से विवाद होने पर विशाल सिक्का ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद कंपनी के शेयर लगातार गिरते रहे और निवेशकों को खासा नुकसान उठाना पड़ा।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।