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    दिल्ली के मटिया महल विधानसभा क्षेत्र में अरविंद केजरीवाल के पांच साल के कार्यकाल में यूं तो बहुत सुधार हुए हैं, लेकिन विकास कार्य पूरा न हो पाने के कारण लोग संतुष्ट नहीं हैं।

    इस निर्वाचन क्षेत्र में ऐतिहासिक अजमेरी गेट, चांदनी महल, चट्टा लाल मियां, चावड़ी बाजार, चितली कबार, चुरीवालन, दिल्ली गेट, हौज काजी, जामा मस्जिद, लाल कुआं, बाजार सीताराम, सुईवालान और तुर्कमान गेट शामिल हैं। यहां से 2015 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार असीम अहमद खान 59.23 फीसदी वोट पाकर जीते थे।

    घनी आबादी वाले इस क्षेत्र में 59,461 महिलाओं के साथ कुल 1,25,220 मतदाता हैं। इस मुस्लिम बहुल क्षेत्र का लिंगानुपात 905 है, जो राज्य के लिंगानुपात 824 से काफी ऊपर है।

    संकरी गलियों वाले इस क्षेत्र से कांग्रेस कभी भी जीतने में सफल नहीं हो सकी। यहां तक कि दिवंगत मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के नेतृत्व में लगातार 15 साल दिल्ली की सत्ता में रहने वाली कांग्रेस उन दिनों भी यहां से जीतने में सफल नहीं हो सकी थी।

    शोएब इकबाल इस क्षेत्र से पांच बार विधायक रह चुके हैं। उन्होंने हाल ही में आप का दामन थाम लिया है। वह 1993 में जनता दल से पहली बार विधायक चुने गए और 1998 में फिर से उसी पार्टी से चुने गए। 2003 में वह जनता दल (सेक्युलर) का हिस्सा रहे और एक बार फिर उन्होंने जीत दर्ज की। अगली बार 2008 में उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी और 2013 में जनता दल (युनाइटेड) से पांचवीं बार विधायक का चुनाव जीता।

    उनकी जीत का सिलसिला 2015 में आप के टिकट पर लड़ने वाले आसिम अहमद खान ने तोड़ दिया। इस बार इकबाल कांग्रेस के उम्मीदवार थे। अब इकबाल के आप में शामिल होने से कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हें इस सीट से आठ फरवरी को होने वाले चुनाव का टिकट मिल सकता है।

    आबादी के आधे से अधिक मुस्लिम होने के साथ यहां धार्मिक कार्ड चुनावों में एक महत्वपूर्ण कारक है, लेकिन टूटी हुई संकीर्ण गलियों, पाइपलाइन से पानी की कमी और सीवर कनेक्शन क्षेत्र के मुख्य मुद्दे हैं।

    संकरी सड़कों के साथ बिजली तारों के जंजाल भी लोगों की चिंता का मुख्य कारण है। इस क्षेत्र में अधूरे काम इस बार आप के लिए मुसीबत बन सकते हैं।

    स्थानीय निवासी 48 वर्षीय आरिफ कमाल ने कहा, “यहां पर काम की बेहतर शुरुआत हुई थी। लेकिन अब सड़कें टूट चुकी हैं और अधिकांश इलाकों में पानी और सीवर कनेक्शन का काम अधूरा पड़ा हुआ है। इससे समस्याएं और बढ़ रही हैं।”

    आमीना (55) का कहना है कि पाइपलाइन से पानी मिलना यहां के निवासियों के लिए अभी भी एक सपना है।

    उन्होंने कहा, “मेरे क्षेत्र में पाइपलाइन बिछाई गई थी, लेकिन केवल कुछ ही लोगों को इससे पानी मिल पा रहा है। पाइपलाइन बिछाने के लिए उन्होंने सड़कों को भी तोड़ दिया है।”

    यह सीट सभी राजनीतिक दलों के लिए महत्वपूर्ण रही है। जहां आप और भाजपा की ओर से इस सीट पर कब्जा जमाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है, वहीं कांग्रेस भी इस विधानसभा क्षेत्र से पहली बार जीतने की दौड़ में बनी हुई है।

    दिल्ली में मतदान आठ फरवरी को होगा और 11 फरवरी को वोटों की गिनती होगी।

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