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    व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव

    व्हाइट हाउस ने बुधवार को कहा कि “यदि सीओल उत्तर कोरिया को खाद्य सामग्री मुहैया करता है तो इसमें अमेरिका दखलंदाज़ी नहीं करेगा।” पियोंगयांग ने बीते सप्ताह मिसाइल का परिक्षण किया था जिससे अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच तनाव का स्तर बढ़ गया है।

    व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सांडर्स ने पत्रकारों से बातचीत में स्पष्ट किया कि अमेरिका का प्राथमिक ध्यान उत्तर कोरिया में परमाणु निरस्त्रीकरण पर रहेगा। हम पियोंगयांग पर अधिकतम दबाव के लिए अभियान जारी रखेंगे। हमारा फोकस परमाणु निरस्त्रीकरण है।”

    उन्होंने कहा कि “अमेरिका द्वारा लगाए प्रतिबंधों का मकसद उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार कार्यक्रम को नष्ट करना है। अगर दक्षिण कोरिया पियोंगयांग की मदद के लिए आगे बढ़ता है तो हम उसमे दखलंदाज़ी नहीं करेंगे।” हाल ही में उत्तर कोरिया ने प्रक्षेप्य को लांच किया था।

    सारा सांडर्स ने कहा कि “अमेरिका के राष्ट्रपति ने दक्षिण कोरियाई समकक्षी मून जे इन से फ़ोन पर बातचीत के दौरान सीओल की उत्तर कोरिया को संभावित मदद पर समर्थन देने की प्रतिक्रिया व्यक्त की है।” उत्तर कोरिया में लाखो लोग भुखमरी की समस्या से जूझ रहे हैं।

    संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर कोरिया में मौसमी आपदाओं, अमेरिका और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण वहां की एक करोड़ जनता खाद्य पदार्थों की कमी से जूझ रही है। यह प्रतिबन्ध उत्तर कोरिया द्वारा पूर्व और निरीक्षित परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए थोपे गए हैं।

    अमेरिका के मुताबिक जब उत्तर कोरिया पूर्ण परमाणु निरस्त्रीयकरण करेगा तभी उन्हें प्रतिंबंधो से आज़ादी दी जाएगी। हालाँकि पियोंगयांग प्रतिबंधों से निजात कीमांग पहले कर रहा है। दू हून और स्टेफेन बिगुन ने बीते हफ्ते टेलीफोन पर बातचीत की थी।

    इस दौरान उन्होंने हनोई सम्मेलन के बाद कोरियाई पेनिनसुला के हालातो के आंकलन पर चर्चा की थी। प्रतिबंधो में रिआयत देने के मुद्दे पर दोनों पक्षों के बीच मतभेद बरक़रार है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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