Fri. Mar 29th, 2024
    जॉर्डन के राजकुमार हम्ज़ा बिन अल हुसैन को उन्हीं के भाई और जॉर्डन के राजा अब्दुल्लाह द्वितीय ने नज़रबंद कर दिया है। राजकुमार हम्ज़ा पर देश की ‘सुरक्षा और स्थिरता’ भंग करने का आरोप है। राजकुमार के साथ ही उनके 16 अन्य साथियों को भी हिरासत में लिया गया है। जॉर्डन की अधिकारिक समाचार एजेंसी पेट्रा के अनुसार इसमें शाही परिवार के कई पूर्व सहियोगी जैसे 2007-08 में शाही दरबार के प्रमुख रह चुके बसीम अवदल्लाह शामिल हैं। 41-वर्षीय राजकुमार हम्ज़ा ने बीबीसी को भेजे सैटलाइट सन्देश में जॉर्डन की सरकार पर परिवारवाद और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया।
    हम्ज़ा का कहना है की उनके सभी दोस्तों और कर्मचारियों को भी हिरासत में ले लिया गया है। साथ ही उनकी फ़ोन व इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गयी हैं। उन्हें किसी से मिलने की भी इजाज़त नहीं दी गयी है।

    कौन हैं राजकुमार हम्ज़ा

    जॉर्डन का शाही परिवार पैगम्बर मोहम्मद के वंशज माने जाते हैं। हम्ज़ा 1999 तक जॉर्डन के राजा रहे हुसैन और अमरीका में जन्मी उनकी चौथी पत्नी नूर के बेटे हैं। हम्ज़ा हुसैन के सबसे प्रिय बेटे थे और इसीलिए 1999 में अपनी मृत्यु से पहले हुसैन ने अपना उत्तराधिकारी और शाही राजकुमार हम्ज़ा को चुना। 1999 में छोटी उम्र होने की वजह से हम्ज़ा की जगह हुसैन के सबसे बड़े बेटे अब्दुल्लाह द्वितीय जॉर्डन की राजगद्दी पर काबिज़ हुए। हालाँकि 2004 में अब्दुल्लाह द्वितीय ने हम्ज़ा से उत्तराधिकारी का पद छीन लिया और अपने बेटे को उत्तराधिकारी बना दिया।

    क्या हैं राजकुमार हम्ज़ा पर आरोप

    बीबीसी के अनुसार हम्ज़ा को नज़रबंद करने का कदम उनकी कबीलाई क्षेत्रों की यात्रा के बाद लिया गया। गौरतलब है कि कबीलाई जनसँख्या पर राजकुमार की बड़ी पकड़ है। एक तरफ़ जहाँ राजकुमार कुछ गलत करने से इंकार करते हैं वहीं दूसरी ओर उनका कहना है की सरकार के विफल होने एवं परिवारवाद और भ्रष्टाचार के पीछे उनका कोई हाथ नहीं है। हम्ज़ा के ऊपर देश की ‘स्थिरता और सुरक्षा’ को भंग करने का आरोप लगाया गया।

    जॉर्डन के साथी देशों की प्रतिक्रिया

    जॉर्डन के पारम्परिक साथी देश अमरीका ने राजा अब्दुल्लाह द्वितीय और सरकार का समर्थन किया है। अन्य सुन्नी-बाहुल्य देश जैसे मिस्र और सऊदी अरब ने भी इस कदम का समर्थन किया है।

    By आदित्य सिंह

    दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास का छात्र। खासतौर पर इतिहास, साहित्य और राजनीति में रुचि।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *