Thu. Mar 28th, 2024
    "एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा" की अभिनेत्री जूही चावला ने कहा: धन्य हूँ कि लोग अभी भी मेरी फिल्में देखना चाहते हैं

    बॉलीवुड की ‘किरण’ जूही चावला खुद को धन्य मानती हैं कि इंडस्ट्री में तीन दशक बिताने के बावजूद भी लोग उनकी फिल्में देखना चाहते हैं। 90 के दशक की सुपरस्टार को लगता है कि कला के प्रति उनकी लगन और ईमानदारी के कारण ही वे बॉलीवुड में इतने समय तक टिक पाई।

    PTI को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बताया-“लोग अभी भी खुली बाहों से मुझे स्वीकार करते हैं और मुझे ये तथ्य पसंद है कि मेकर्स के पास मेरे लिए किरदार हैं। मैं इसपर कुछ भी सवाल और विश्लेषण नहीं करना चाहती। मुझे केवल अभिनय आता है। मुझे नहीं पता कि इसके अलावा मैं और क्या करुँगी। मैं खुशमिजाज़ रवैये की एक अच्छी कलाकार हूँ और जब भी कोई अच्छा मौका मिलता है मैं सेट पर होती हूँ।”

    पूर्व मिस इंडिया जिन्होंने फिल्म ‘क़यामत से क़यामत तक’, ‘दरार’, ‘इश्क’ और ‘यस बॉस’ जैसी फिल्मों से दर्शकों पर अपना जादू बिखेरा था, उन्होंने कहा कि वे शुरुआत में अपने रास्ते को लेकर उलझन में थी मगर वक़्त के साथ उन्हें अपनी मंजिल मिल ही गयी।

    https://www.instagram.com/p/BtXc8o6HlWf/?utm_source=ig_web_copy_link

    उनके मुताबिक, “जब मैंने शुरू किया तब मैं नहीं जानती थी कि मैं कहाँ जा रही हूँ और मेरी क्या क्या काबिलियत है। जब मैंने ज्यादा काम करना शुरू किया, तब मुझे पता चला कि जब कोई भी मजेदार सीक्वेंस होता था तो मैं ज्यादा एन्जॉय कर पाती थी। वे मेरे लिए आसान था। आज मेरे पास शोहरत है, नाम और पहचान है जो मुझे मेरे काम से मिली है। वही मुझे और अच्छे मौके तलाशने के लिए प्रेरित करती है। मैं उन निर्देशक के साथ काम करने के लिए उत्साहित रहती हूँ जिनके पास अच्छी कहानी होती है।”

    फिल्में ना चलने पर, खेद व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा-“मैंने कुछ अलग करने की बहुत कोशिश की मगर प्रस्ताव इतने अच्छे नहीं थे। मैंने ‘अर्जुन पंडित’ और ‘दरार’ जैसी फिल्में की। मैंने उनमे अपना दिल और आत्मा लगा दी मगर अजीब है कि वे फिल्में बॉक्स ऑफिस पर चली नहीं। मैं मजाकिया और ख़ुशी वाली फिल्में करने में खुश थी।”

    https://www.instagram.com/p/BnBhAtGAp0V/?utm_source=ig_web_copy_link

    उन्होंने आगे ये भी बताया कि कैसे जब उनकी फिल्म ‘गुलाब गैंग’ ज्यादा पैसे नहीं कमा पाई तो उन्हें विलन के किरदार मिलने बंद हो गए थे। उन्होंने आगे बताया कि जब उन्हें नकारात्मक किरदार मिला तो उन्हें लगा कि मेकर्स का दिमाग घूम गया है लेकिन वे बाद में मान गयी और उन्हें फिल्म करने में बहुत मजा आया। मगर माधुरी दीक्षित अभिनीत फिल्म दर्शको पर अपना प्रभाव बनाने में नाकामयाब हो गयी।

    उन्होंने उभरते सितारों की भी सराहना की और कहा कि वे अपनी फिल्में चुनने में बहादुर हैं। उनके मुताबिक, “वे अविश्वसनीय हैं। आज जवान लड़किया बहुत बहादुर हैं। आलिया भट्ट ‘उड़ता पंजाब’ और ‘राज़ी’ जैसी फिल्में कर रही है। वे अपने कम्फर्ट-जोन से बाहर निकल रही है। प्रियंका चोपड़ा ने ‘बर्फी’ में एक विकलांग लड़की का नॉन-ग्लैमरस किरदार निभाया। एक अभिनेत्री के लिए, ये एक बहादुर कदम है। अब वो एहसास हो रहा है। मैं तो कई साल पहले ‘गुलाब गैंग’ में विलन का किरदार लेने के लिए डर रही थी।”

    चावला की हाल ही में, फिल्म “एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा” बड़े परदे पर रिलीज़ हुई है। इस फिल्म में, उनके साथ अनिल कपूर, सोनम कपूर और राजकुमार राव ने भी मुख्य भूमिका निभाई है।

    https://www.instagram.com/p/BkkInOqHFH9/?utm_source=ig_web_copy_link

    By साक्षी बंसल

    पत्रकारिता की छात्रा जिसे ख़बरों की दुनिया में रूचि है।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *