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    जापान और दक्षिण कोरिया

    दक्षिण कोरिया ने जापान की सरकार को गुरुवार को सुरक्षा संबंधों को लेकर आगाह किया है। दक्षिण कोरिया ने आगाह किया कि अगर जापान उन्हें सुगम व्यापार राष्ट्रों की सूची से हटा देता है तो सुरक्षा संबंधों पर इसका गहरा प्रभाव पड़ सकता है।

    जापान-दक्षिण कोरिया विवाद

    रायटर्स के मुताबिक, दक्षिण कोरिया के विदेश मन्त्री कांग क्योंग वहा ने जापानी समकक्षी तारो कोनो के साथ आसियान सम्मेलन के इतर मुलाकात की थी। इस सम्मेलन का आयोजन गुरुवार को बैंकाक में किया गया था। जापान ने बीते महीने  दक्षिण कोरिया को निर्यात किये जाने वाले हाई टेक पदार्थो के निर्यात पर पाबंदियों को बढ़ा बढ़ा दिया था और इसके बाद दोनों देशों के बीच आला स्तर की यह पहली बैठक है।

    जापान ने आरोप लगाया कि सीओल संवेदनशील पदार्थो का पर्याप्त प्रबंधन नहीं करता है। बैंकाक की वार्ता से थोड़ी राहत  देखने को मिली है लेकिन दक्षिण कोरियाई विदेश मंत्रालय के मुताबिक टोक्यो पर स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं होगा। जापान ने सुगम व्यापार के दर्जा दिए जाने वाले देशों की सूची में से दक्षिण कोरिया का नाम हटा दिया था।

    कंग ने कहा कि “उन्होंने अपने जापानी समकक्षी से अभियान को रोकने का आग्रह किया है या यह सीओल को आतंकवाद रोधी अभियान के लिए मजबूर करने की एक कोशिश होगी। दक्षिण कोरिया के अधिकारियों ने आगाह किया कि वे शायद जापान के साथ ख़ुफ़िया साझा संधि पर पर नजर डाल सकते हैं।

    कांग ने पत्रकारों से कहा कि “जापान ने व्यापार पाबंदियों के लिए सुरक्षा कारणों को दिया है। मैंने कहा कि हमारे समक्ष कोई विकल्प नहीं है कि हम जापान के साथ सुरक्षा सहयोग के विभिन्न फ्रेमवर्क की समीक्षा करे।”

    दक्षिण कोरिया के शीर्ष अदालत ने बीते वर्ष आदेश दिया कि जापानी कंपनियां द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान दक्षिण कोरिया के जबरन बनाये गए मजदूरों को मुआवजा दे। 4 जुलाई को इसके प्रतिकार में जापान ने उच्च तकनीकी उत्पादों के दक्षिण कोरिया को निर्यात पर सख्त पाबन्दी लगा दी थी।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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