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    अनंत कुमार

    मोदी सरकार में संसदीय कार्यमंत्री और रसायन तथा उर्वरक मंत्रालय का कार्यभार संभाल रहे अनंत कुमार का 59 वर्ष की उम्र में बेंगलुरु में आज सुबह करीब 1:30 बजे निधन हो गया। वो कैंसर से पीड़ित थे। लन्दन तथा न्यूयॉर्क में इलाज कराने के बाद बेंगलुरु के श्री शंकर कैंसर हॉस्पिटल और रिसर्च सेंटर में भर्ती थे।

    अनंत कुमार बेंगलुरु (दक्षिण) से 1996 से अब तक लगातार सांसद रहे। प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, कैबिनेट मंत्रियों समेत तमाम राजनेताओं ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने एक बहुत अच्छा मित्र और सहयोगी खो दिया। अनंत कुमार हमेशा अपने अच्छे कार्यों के लिए याद किये जाएंगे।

    कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने अनंत कुमार के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि अनंत उनके बहुत अच्छे मित्र थे। उन्होंने कभी राजनीति को व्यक्तिगत दोस्ती के आड़े नहीं आने दिया। कर्नाटक में तीन दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है। आज कर्नाटक में स्कूल, कॉलेज और सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे।

    छात्र राजनीति से पहले आरएसएस और फिर भारतीय जनता पार्टी में आये अनंत कुमार ने दक्षिण के राज्य कर्नाटक में भाजपा की जड़ें जमाने में अहम् भूमिका निभाई थी। अनंत कुमार भाजपा के उन नेताओं में से रहे जिन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली पार्टी की पहली सरकार में भी केंद्रीय मंत्री का पदभार संभाला। 2003 में वो कर्नाटक भाजपा के अध्यक्ष रहे और उनके नेतृत्व में पार्टी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें जीती।

    विपक्ष के नेता राहुल गाँधी, पश्चिम बंगाल की मुख़्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने भी अनंत कुमार के निधन पर शोक व्यक्त किया है।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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