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    krishna river information in hindi

    कृष्णा नदी का बेसिन महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक राज्यों में फैला हुआ है। इसका क्षेत्रफल लगभग 2.6 लाख स्क्वायर किमी है। इसके उत्तर में बालाघाट श्रृंखला है दक्षिण एवं पूर्व भाग में पूर्वी घाट है एवं पश्चिम में पश्चिमी घाट है। कृष्णा नदी महाराष्ट्र के सतारा जिला के जोर गाओं के पास पश्चिमी घाट में से 1337 m की ऊंचाई से बहना शुरू करता है। इसके शुरुआत से बंगाल की खाड़ी में मिल जाने तक नदी की लम्बाई लगभग 1400 किमी है।

    इसके बेसिन का लगभग 76% हिस्सा कृषि उत्पादन क्षेत्र है। कृष्णा नदी अपनी तटरेखा के साथ लगभग 120 किमी डेल्टा का निर्माण करती है। आगे चलकर यह डेल्टा गोदावरी नदी के डेल्टा की साथ मिलती हुई प्रतीत होती है और 35 किमी आगे चलकर समुद्र में मिल जाती है।

    कृष्णा नदी की सहायक नदियां (Tributaries of Krishna River)

    इसके दाएं किनारे पर घटप्रभा, मलप्रभा एवं तुंगभद्रा नदियां मौजूद हैं एवं बाएं किनारे पर भीमा, मुन्नेरू एवं मुसी नदियां मौजूद हैं। कोयना नदी भी इसकी एक छोटी सी सहायक नदी है जिसपर कोयना बांध स्थित है। इस बांध के कारण साल 1967 में तीव्र भूकंप आया था जिसमे लगभग 150 लोगों की जान गयी थी।

    भीमा नदी माथेरान के पहाड़ से निकलता है और 861 किमी दूरी तय करने के बाद रायचूर के पास कृष्णा नदी से मिल जाता है। तुंगभद्रा नदी तुंगा और भद्र नदियों के मिलने से बनता है और गंगामुला स्थित मध्य सह्याद्रि के पहाड़ों से निकलता है। इसकी लम्बाई 531 किमी है। वज़ीराबाद के पास कृष्णा नदी की सबसे आखिरी सहायक नदी मुसी आकर मिलती है जिसके किनारे पर हैदराबाद शहर स्थित है।

    कृष्णा नदी परियोजनाएं (Projects on Krishna River)

    कृष्णा और उसकी सहायक नदियों पर बने हुए कुछ प्रमुख बांध हैं:- तुंगभद्रा, नागार्जुनसागर, मलप्रभा, भीमा, भद्रा एवं तेलुगु गंगा।

    कोयना, तुंगभद्रा, श्री सैलम, नागार्जुन सागर, अलमट्टी, नारायणपुर, भद्र आदि कृष्णा के बेसिन में स्थित कुछ हाइड्रो पावर स्टेशन हैं। तुंगभद्रा कृष्णा के बेसिन में पाया जाने वाला एक प्रमुख अंतर-राज्यीय परियोजना है जो कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के लोगों को अपना लाभ पहुंचाता है।

    कृष्णा के बेसिन में मौजूद संसाधन (Resources in the Basin of Krishna River)

    कृष्णा के बेसिन में खनिजों का जमाव काफी अधिक मात्रा में मिलता है और यहां औद्योगिक विकास होने की काफी अधिक सम्भावना है। लोहा एवं स्टील, गन्ना उत्पादन, वनस्पति तेल उत्पादन, चावल के मिल आदि बेसिन में मौजूद कुछ महत्वपूर्ण औद्योगिक गतिविधियां हैं। हाल में ही इस बेसिन में तेल का कुआँ मिला है जो आने वाले समय में इस क्षेत्र के औद्योगिक विकास में काफी प्रभाव डालेगा।

    कृष्णा बेसिन के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र:- पुणे और हैदराबाद इस नदी के किनारे स्थित प्रमुख शहरी क्षेत्र हैं। दोनों शहरों को IT हब माना जाता है तथा हैदराबाद तेलंगाना की राजधानी है। पुणे में कई ऑटोमोबाइल फैक्ट्री और प्रमुख शिक्षा संस्थान मौजूद हैं।

    कृष्णा बेसिन में होने वाले बाढ़ और सूखे की स्थिति:- बेसिन के कुछ प्रमुख भाग जैसे कि महाराष्ट्र का पुणे, सोलापुर, अहमदनगर, ओस्मानाबाद क्षेत्र आंध्र प्रदेश का रायालसीमा क्षेत्र और कर्नाटक का बीजापुर, रायचूर, चित्रदुर्ग, बीजापुर शहर में काफी सूखा पड़ता है। कृष्णा के डेल्टा भाग में तलछट (sedimentary) के जमाव के कारण लगातार बाढ़ आता रहता है। तटीय इलाकों में चक्रवाती तूफानों के आने से होने वाली भारी बारिश के कारण बाढ़ का खतरा और बाढ़ जाता है।

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