Sat. Apr 20th, 2024
    विदेश मंत्री एस जयशंकर

    भारत ने गुरूवार को पाकिस्तान की हिरासत में भारतीय नागरिक कुलभूषण की तत्काल रिहाई और प्रत्यर्पण की मांग की है। बुधवार को आईसीजे ने अपने फैसले में कुल्बुशन जाधव को दी मृत्यु दंड की सजा पर पुनर्विचार और समीक्षा करने को कहा था।

    राज्य सभा में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कुलभूषण जाधव के फैसले पर कहा कि “हम एक बार फिर पाकिस्तान से कुलभूषण जाधव को रिहा और भारत को सौंपने की मांग करते हैं।” पक्सितन द्वारा वियना संधि के उल्लंघन में आईसीजे ने 15-1 से वोट दिया था।

    उन्होंने कहा कि “आईसीजे ने पाकिस्तान को निर्देश दिए हैं कि बिना देरी किये जाधव को उनके अधिकारों के बाबत बताये और वियना संधि के तहत भारतीय राजनयिक अधिकारीयों को जाधव से मुलाकात करने दे।” भारत ने जाधव के मामले में आईसीजे के फैसले का स्वागत किया है।

    उन्होंने सदन में कहा कि “मैं निश्चित हूँ कि सदन इस निर्णय में मेरा साथ देगा। इस मामले में मैंने जो भावनाये व्यक्त की है,वह पूरे सदान की है और यह समस्त राष्ट्र की है। आईसीजे में 15-1 से मतदान हुआ था और इसमें असहमत न्यायधीश पक्सितन से थे। इस मामले में अन्य राष्ट्र भारत के साथ खड़े हैं।”

    उन्होंने कहा कि “सरकार जाधव की रिहाई के निरंतर प्रयास करती रहेंगी। साल 2017 में सरकार ने सदन में वादा किया था कि वह श्री जाधव के संरक्षण के कल्याण और हित के लिए सभी जरुरी कदम उठाएगी। भारत ने जाधव को रिहा करने की सभी प्रयासों पर अमल कर रही है, इसमें कानूनी जरिया भी शामिल है।”

    विदेश मंत्रालय ने मुश्किल हालतों में जाधव के परिवार के साहस के प्रति सराहना व्यक्त की है। साथ ही जाधव की राष्ट्र में सुरक्षित वापसी को सुनिश्चित किया है। उन्होंने वरिष्ठ काउंसल हरीश साल्वे की अध्यक्षता में कानूनी समूह के प्रयासों की भी सराहना की है।

    जयशंकर ने कहा कि “मैं आश्वस्त कर सकता हूँ कि सरकार उत्साहपूर्वक उनकी सुरक्षित देश वापसी के प्रयासों को जारी रखेगी, साथ ही उनके जल्द भारत लौटने की कोशिशे बरक़रार रखेगी।”

    जयशंकर के बाद राज्य सभा के सभापति एम् वेंकैया नायडू ने आईसीजे के फैसले पर कहा कि “मैं बेहद खुश हूँ कि पूरे सदन ने एकजुट होकर आईसीजे के निर्णय का स्वागत किया है। आशा है हम कुलभूषण के आरोपमुक्त और रिहाई तक इसे जारी रखेंगे।”

    कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने बैंगलोर के विधान सुधा में कहा कि “मैं इसलिय आया हूँ कि मुझे लेकर सवाल है कि मैं गठबंधन की सरकार के साथ कार्य करूँगा या नहीं। घटनाओं ने प्रदर्शित किया है कि एक सभापति की भूमिका भी कुछ सांसदों के कारण खतरे में आ जाती है।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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