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    किम जोंग उन

    दक्षिण कोरिया के अधिकारीयों ने बताया कि सीओल का एक जहाज घरेलू बंदरगाह पर जब्त कर लिया है क्योंकि उस पर उत्तर कोरिया को तेल मुहैया करने का आरोप है। उत्तर कोरिया अपने परमाणु हथियारों और मिसाइल कार्यक्रमों पर लगे संयुक्त राष्ट्रों के प्रतिबंधों को हटाने की कोशिश में जुटा हुआ है।

    कोरिया टाइम्स के मुताबिक दक्षिण कोरिया के तटीय अधिकारीयों ने बताया कि 5160 टन पी-पायनियर को अक्टूबर से बुसान बंदरगाह से बचाया गया है। आरोपों के अनुसार पूर्वी चीनी समुन्द्र में अंतर्राष्ट्रीय जल से उत्तर कोरिया को सितम्बर 2017 में तेल सप्लाई किया गया था। जहाज ने डीज़ल निर्यात किया था लेकिन इसकी मात्रा की जानकारी नहीं है।

    कस्टम विभाग ने इस मामले को राज्य अभियोक्ता को भेज दिया है। यह अभी तफ्तीश करेंगे कि जहाज के कप्तान और प्रबंधन कंपनी ने समुंद्री परिवहन के और उत्तर कोरिया के साथ आदान प्रदान कर नियमों का उल्लंघन किया है या नहीं। सीओल विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि “पहली बार दक्षिण कोरिया जहाज उत्तर कोरिया पर लगे अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों का उल्लंघन करने के आरोप में जब्त हुआ है। दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया को अवैध तरीके से तेल मुहैया करने वाले और उत्तर कोरिया उत्पादित कोयले को ट्रांसपोर्ट करने के लिए तीन विदेशी जहाजों को जब्त किया था।”

    बीते हफ्ते की यूएन सुरक्षा परिषद् की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर कोरिया पेट्रोलियम पदार्थ और कोयले के शिप टू शिप ट्रांसफर से अपनी प्रतिबद्धताओं की उपेक्षा कर रहा है। साल 2018 में उत्तर कोरिया ने 500000 बैरल से अधिक रिफाइंड पेट्रोलियम पदार्थ प्राप्त किये थे। साल 2016 में पियोंगयांग के परमाणु परिक्षण के निरंतर बढ़ने के कारण यूएन ने प्रतिबन्ध लगाए थे।

    दक्षिण कोरिया के अभियोक्ता पक्ष ने बीते दिसंबर में चार लोगों पर अवैध तरीके से उत्तर कोरिया को कोयला पंहुचाने का आरोप लगाया था। जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल कर और इसे रुसी बंदरगाह पर शिपमेंट के लिए रुसी कोयला को सही साबित करने के लिए स्वांग रचा था।

     साल 2018 तक उत्तर कोरिया ने लम्बी मारक क्षमता वाली मिसाइल के सफल परिक्षण के बाद बातचीत करने का पैतरा आज़मा लिया था। फरवरी में आयोजित दूसरा शिखर सम्मेलन बगैर किसी समझौते के खत्म हो गया था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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