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    माइक पोम्पिओ

    अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पिओ ने गुरूवार को ईरानी हमले की तीव्र और निर्णायक प्रतिक्रिया देने की धमकी दी है। दोनों पक्षों के बीच तनाव का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। माइक पोम्पिओ ने कहा कि “ईरानी सरकार को समझना चाहिए कि उनके यह उनके सहयोगियों द्वारा अमेरिका हितो या नागरिकों के खिलाफ हमले का जवाब तीव्र और निर्णायक होगा।”

    पोम्पिओ ने सख्ती से कहा कि “ईरान को इस वक्त हमारी संयमता को गलत नहीं समझना चाहिए। तनाव कम करके तेहरान के भविष्य को समृद्ध मार्ग पर ले जाने वाले ईरानी लोगो से मैं उनकी सरकार के रवैये को सुधारने का आग्रह करना चाहता हूँ।”

    डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को बयान में कहा था कि “मैं ईरानी नेताओं से मुलाकात का दिन देख रहा हूँ जिसमे समझौते पर कार्य किया जायेगा। इसमें वह निर्णय लिए जायेंगे जिसमे ईरान को ऐसा भविष्य मिले जिसके वह हकदार है।” ईरान ने हाल ही में काफी भड़जाउ और धमकी भरे बयान जारी किये हैं।

    अमेरिका और उसके सहयोगियों का मत एकदम स्पष्ट है कि “हम युद्ध नहीं चाहते हैं, लेकिन ईरान 40 वर्षों से अमेरिकी सैनिको की हत्या, अमेरिकी सुविधाओं पर हमला और अमेरिकियों को बंधी बनाना हमें बार-बार खुद की रक्षा की याद दिलाता है।”

    कार्यकारी रक्षा सचिव पैट्रिक षानहन ने इसे समन्वित और गढ़ा हुआ बयान करार दिया था। डेमोक्रेटिक के संसद क्रिस मर्फी ने पोम्पिओ के बयान की आलोचना की थी। उन्होंने कहा कि “यह बयान एक बड़ी मुसीबत है। किसने तय किया कि ईरान का प्रतिनिधि कौन है ? क्या वह हूथी है? इराकी शिया चरमपंथ है या असद ?”

    अमेरिका ने बीते वर्ष ईरान एक साथ हुई परमाणु संधि को तोड़ दिया था और दोबारा प्रतिबंधों को लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। ईरान ने बुधवार को धमकी दी कि अगर यूरोप, चीन और रूस 60 दिनों में प्रतिबंधो से निजात नहीं दिला पाए तो वह अपने यूरेनियम भण्डार को समृद्ध करेंगे।

    डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि “उनका कहने का यह मतलब नहीं था कि वह ईरान के साथ सैन्य संघर्ष नहीं करेंगे लेकिन उम्मीद है ऐसी स्थिति नहीं उपजेगी। मैं ना नहीं कहना चाहता हूँ लेकिन आशावादी हूँ कि ऐसा नहीं होगा। हमारे समक्ष विश्व के सबसे ताकतवर जहाज है और हम कुछ भी ऐसे-वैसा नहीं करना चाहते हैं।”

    उन्होंने कहा कि “मैं ईरान को देखना चाहता हूँ, मैं चाहता हूँ कि वह मुझे कॉल करें। आप पूर्व राज्य सचिव जॉन केरी को जानते हैं उन्होंने ईरान के साथ काफी बातचीत की है। जॉन  केरी ने उन्हें कॉल करने के लिए मना किया था। वह लोगन एक्ट का उल्लंघन था और इसके लिए उन पर मुकदमा चलाया जा सकता है। लेकिन मेरे लोग ऐसा कुछ भी नहीं चाहते हैं सिर्फ डेमोक्रेट्स ही इस तरीके की हरकते करते हैं।”

    जॉन केरी ने इन आरोपों का खंडन किया है। डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि “ईरानी अर्थव्यवस्था की हालत बिगड़ी हुई है। महंगाई ने सरकार की कमर तोड़ रखी है। वह हर सप्ताहांत में दंगे होते हैं। उन्हें मुझे कॉल करनी चाहिए, हम बैठेंगे और समझौता करेंगे एक निष्पक्ष समझौता। हम सिर्फ उनके पास परमाणु हथियार नहीं देखना चाहते हैं।”

    उन्होंने कहा कि “हम उन्हें वापस बेहतर आकार देना चाहते हैं। वह अभी बुरी स्थिति में हैं। मैं उस दिन का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा हूँ जब हम वाकई उनकी मदद कर सकेंगें। हम ईरान को नुकसान नहीं पंहुचाना चाहते हैं। मैं चाहता हूँ वह एक मजबूत और महान अर्थव्यवस्था बने लेकिन वह जॉन केरी की सुन रहे हैं। जिसने लोगन एक्ट का उल्लंघन किया है। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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