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    पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान

    पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन किया था। इस मुलाकात में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ हुए छह अरब डॉलर के समझौते के बाबत चर्चा हुई थी। दोनों पक्षों के बीच कई महीनो तक सिलसिलेवार बातचीत के बाद अंतिम समझौता तय हुआ है।

    आईएमएफ की बेलआउट को मंज़ूरी

    पाकिस्तान अभी आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है और रविवार रात को पाकिस्तान और आईएमएफ के बीच बेलआउट पैकेज के लिए समझौता हो गया था। इस फंडिंग के लिए अभी भी आईएमएफ के प्रबंधन की मंज़ूरी की जरुरत है। यह कर्ज तीन वर्षों के लिए मुहैया किया जा रहा है।

    आईएमएफ के साथ सरकार के समझौते की विपक्षी दलों ने आलोचना की है क्योंकि इससे महंगाई का दर बढ़ने और आर्थिक वृद्धि के धीमे होने की सम्भावना है। संसद के एक सत्र का आयोजन सोमवार को आयोजित किया जायेगा जिसमे विपक्षी दल बेलआउट समझौते की आलोचना करेंगे।

    पाकिस्तान को आर्थिक संकट से उभारने के लिए आईएमएफ ने 6 अरब डॉलर की राशि टीम सालो के लिए मुहैया करने की मंज़ूरी दी है। साथ ही आईएमएफ ने इसमें कुछ शर्ते भी शामिल की है। हालिया समझौता पाकिस्तान का आईएमएफ से 22 वां हैं और इसका कारण  धीमी वृद्धि, बढ़ती महंगाई और कर्ज का भार बढ़ना है।

    अर्थव्यवस्था के सुधार कार्यक्रम

    आईएमएफ ने प्रेस रिलीज़ में ऐलान किया कि “आईएमएफ की टीम आर्थिक नीतियों पर स्टाफ लेवल एग्रीमेंट को मुकम्मल कर दिया है। इसमें पाकिस्तान को 39 महीनो के लिए 6 अरब डॉलर की सहायता राशि मुहैया की जायेगी। इसका मकसद पाकिस्तानी सरकार के ढांचागत सुधार के मंसूबे को अगले तीन सालो में पूरा करने में सहयोग करना है।”

    बेलआउट पैकेज की आलोचना करते हुए पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज़ के प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने कहा कि “प्रधानमंत्री की बेहतरी इसमें हैं कि वह आईएमएफ से छह अरब डॉलर के कर्ज के मंज़ूरी देने के बजाये खुदखुशी कर लें।”

    पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के सांसद शैरी रेहमान ने कहा कि “तब्दीली सरकार से गुलामी सरकार तक का सफर पूरा हो चुका है। अन्य सरकारों ने भी आईएमएफ के कार्यक्रम को चलाया है लेकिन अर्थव्यवस्था का तख्तापलट जैसा कभी कुछ नहीं हुआ लेकिन नयी सरकार के आगमन के बाद ऐसा मुमकिन हो रहा है। आईएमएफ की घंटी की आवाज़ सुनने से बेहतर हम खुदखुशी कर लेंगे।”

    आईएमएफ के आंकड़ों के मुताबिक, इस वित्तीय वर्ष में पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था की रफ़्तार साल 2018 में 5.2 फीसदी के मुकाबले 2.9 फीसदी धीमी होगी।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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