Sat. Apr 20th, 2024
    अरुण जेटली

    भारत के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नयी दिल्ली के इरादों के बाबत बताया था कि वह इस्लामाबाद को फाइनेंसियल एक्शन टास्क फाॅर्स की सूची में गिरते हुए देखना चाहते हैं। पाकिस्तान ने इस बयान पर गहरी चिंता व्यक्त की है। अरुण जेटली ने कहा था कि भारत चाहता कि पाकिस्तान एफएटीएफ की काली सूची में शामिल हो।

    भारत की मंशा

    पाकिस्तानी विदेश विभाग ने बयान जारी कर कहा कि “तकनीकी संस्था के साथ लम्बे समय से जारी चिंता को भारत पाकिस्तान के खिलाफ राजनीति के लिए इस्तेमाल कर सकता है। भारत ने पहले भी कई दफा एफएटीएफ की कार्यवाही का राजनीतिकरण करने के कई प्रयास किये हैं।”

    इसके मुताबिक, फरवरी 2019 में एफएटीएफ की बैठक में भारत ने पाकिस्तान की प्रगति का खुद का किया हुआ आंकलन जारी किया था और पाकिस्तान को तत्काल काली सूची में डालने का समर्थन किया था। भारतीय मीडिया में कई बार एफएटीएफ की कार्यवाही के बाबत सूचना लीक हुई है जो बेहद गोपनीय होती है।

    कार्यवाही का राजनीतिकरण

    विदेश विभाग के अनुसार, भारत द्वारा राजनीतिकरण के इन उदाहरणों पर पाकिस्तानी वित्त मंत्री एफएटीएफ के अध्यक्ष का ध्यान आकर्षित करना चाहते थे। एफएटीएफ की कार्यवाही का राजनीतिकरण कर भारत इसे पाकिस्तान के खिलाफ करने का प्रयास कर रहा है।

    भारत एशिया पैसिफिक ज्वॉइंट ग्रुप का सदस्य है जो एफएटीएफ के एक्शन प्लान को अमल में लाने के पाकिस्तान की प्रगति की समीक्षा करेगा और पाकिस्तान ने भारत के विश्वसनीय होने पर सवाल खड़े किये हैं।

    उन्होंने कहा कि “एफएटीएफ के एक्शन प्लान को पूरी तरह लागू करने के लिए पाकिस्तान प्रतिबद्ध है। यह वादा उच्च राजनीतिक स्तर द्वारा किया गया है। बहरहाल, एफएटीएफ को सुनिश्चित करना होगा कि यह प्रक्रिया निष्पक्ष, न्यायोचित और संस्थान के तकनीकी मानदंडों के मुताबिक होगी। ”

    एफएटीएफ ने पाकिस्तान को साल 2018 में ग्रे सूची में शामिल कर दिया था। इसमें विदेश है को आतंक को वित्तपोषित करते हैं और उनके धनशोधन विरोधी कानून बेहद निचले दर्जे के होते हैं। इस महीने दो समीक्षा की जायेगी और सितम्बर 2019 में एफएटीएफ निर्णय लेगा कि पाकिस्तान को ग्रे सूची से हटा दिया जाए या काली सूची में डाल दिया जाये।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *