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    अमेरिकी वीजा

    अमेरिका से वीजा भारतीयों के मुकाबले चीनियों को ज्यादा मिलता है। भारतीय लोग जो अमेरिका मे वीजा के लिए आवेदन करते है उन्हें चीनी आवेदनों की तुलना में अधिक खारिज किया जाता है। अमेरिकी वीजा रद्द करने के मामले में भारत की स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है।

    अमेरिका में भारत के बड़ी संख्या में वीजा के आवेदन आते है। वहीं अमेरिका इन आवेदनों में से 26 फीसदी आवेदनों को अस्वीकार करता है। पहले की तुलना में अमेरिकी वीजा के लिए भारतीय आवेदन ज्यादा अस्वीकृत हो रहे है।

    विभिन्न स्त्रोतों से मिली जानकारी के मुताबिक भारत के लिए अमेरिकी वीजा को रद्द करने की दर साल 2006 से 2016 के बीच में 6.5 फीसदी तक बढ़ी है। जबकि वीजा रद्द करने की दर वर्तमान में 26 फीसदी है।

    वहीं ब्रिटेन को अमेरिकी वीजा रद्द किए जाने की दर भारत से कम 20.4 प्रतिशत है जबकि ये 2006 से 2016 के बीच में 6.7 फीसदी तक बढ़ी है। इसके बाद ब्राजील को 16.7 फीसदी दर से अमेरिकी वीजा का आवेदन रद्द् किया जाता है।

    अगर चीन की बात की जाए तो अमेरिका वीजा रद्द करने में उसकी स्थिति इन देशों खासकर भारत की तुलना में बेहतर है। चीन में 2006 से 2016 के बीच में 12.2 फीसदी गिरकर 12.4 फीसदी पर आ गया है।

    यानि की साफ है कि अमेरिकी वीजा के चीन की तुलना में भारत के आवेदन को ज्यादा रद्द किया जाता है। चीन के बाद अमेरिका वीजा रद्द करने की दर रूस (9.3 फीसदी), जापान (8.1 फीसदी), जर्मनी (7.3 फीसदी) और साउथ अफ्रीका (6.8) है।

    इन देशों के अमेरिकी वीजा रद्द होने की दर है सबसे ज्यादा

    • क्यूबा- 81.9 फीसदी
    • अफगानिस्तान– 73.8 फीसदी
    • गिनिया बिसाऊ- 71.9 फीसदी
    • मौरीतानिया- 71.5 फीसदी
    • लिबेरिया- 70.2 फीसदी

    इन देशों के अमेरिकी वीजा रद्द होने की दर है सबसे कम

    • इजराइल- 4.1 फीसदी
    • सऊदी अरब – 4.0 फीसदी
    • यूएई – 4.0 फीसदी
    • मलेशिया – 3.7 फीसदी
    • अर्जेन्टीना – 2.1 फीसदी