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    किम जोंग उन

    उत्तर कोरिया की शोर्ट एंड मीडियम रेंज मिसाइल अमेरिका के लिए सबसे प्रमुख बैलिस्टिक मिसाइल के खतरों में से एक है। इसके आलावा चीन और ईरान से भी अमेरिका को खतरा है। कांग्रेसल रिसर्च सर्विस ने अपनी रिपोर्ट “डिफेन्स प्राइमर:बैलिस्टिक मिसाइल डिफेन्स” को बुधवार को जारी किया था।

    रिपोर्ट में बताया कि “उत्तर कोरिया के समक्ष स्टोर में सैकड़ो शोर्ट रेंज मिसाइल हैं जो समस्त दक्षिण कोरिया को पूरी तरह तबाह कर सकती है और दर्जनों मीडियम रेंज मारक मिसाइल हैं जो जापान और इस इलाके में अमेरिकी ठिकानों को तबाह करने के लिए पर्याप्त है।”

    इसके मुताबिक, उत्तर कोरिया इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल कैपबिलिटी को विकसित करने की प्रक्रिया में हैं और यह अमेरिका की सरजमीं पर हमला कर सकता है जिससे जंग छिड़ सकती है। हालाँकि यह अभी अस्पष्ट है कि उनकी मिसाइल परमाणु संपन्न है या नहीं।

    बीते साल दिसम्बर में सीआरएस की रिपोर्ट का खुलासा हुआ था जो इस रिपोर्ट की माफिक ही है। इसके आलावा ग्राउंड बेस्ड इंटरसेप्टर की अमेरिका में तैनाती इस दौरान 30 से बढाकर 40 कर दिया गया है और अब इन्हें 64 कर दिया गया है। इसका मकसद आईसीबीएम हमलो को तबाह करना है जो ईरान या उत्तर कोरिया की तरफ से किये जायेंगे।

    विगत कुछ महीनो में उत्तर कोरिया ने निरंतर शोर रेंज बैलिटिक मिसाइलों का नियमित परिक्षण किया है। बीते हफ्ते पनडुब्बी से बैलिस्टिक मिसाइल को लांच किया गया था।

    गुरूवार को उत्तर कोरिया ने कहा कि “यह परिक्षण आत्मरक्षा के अधिकार का भाग है।” उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के यूरोपीय संघ के सदस्यों की हालिया एसएलबीएम के लांच की निंदा करने की आलोचना की थी। बीते हफ्ते उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच वर्किंग लेवल की बैठक का आयोजन हुआ था लेकिन दोबारा यह वार्ता नाकाम हुई और उत्तर कोरिया ने अमेरिका की नए प्रस्ताव के साथ न आने की कड़ी निंदा की थी।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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