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    इराकी मौलवी

    अमेरिका और ईरान के बीच युद्ध में इराक को खींचने के लिए बगदाद के दो शिया प्रभावी बुद्धिजीवियों ने चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के युद्ध में इराक को युद्धक्षेत्र बनाया जायेगा और इससे अत्यधिक शक्ति क्षति होगी। कुछ घंटो पूर्व इराक की राजधानी के शांतिपूर्ण क्षेत्र में राकेट दागा गया था और यह अमेरिका के दूतावास से एक मील की दूरी पर गिरा था हालाँकि कोई हताहत की सूचना नहीं है।

    इराक के मशहूर शिया मौलवी मुक़्तदा अल सदर ने बयान में कहा कि जो भी सियासी दल इराक को अमेरिकी-ईरानी युद्ध में झोंकेगा वो इराक की आवाम का दुश्मन होगा। ईरानी समर्थित समूह के नेता क़ैस अल खज़ाली ने कहा कि “युद्ध की तरफ धकेलने वाले किसी भी अभियान का वह विरोध करते हैं।”

    अमेरिका और ईरान के बीच तनाव चरम पर है और इसमें बगदाद की चिंता है कि कही एक बार फिर इराक बीच में न फंस जाए। साल 1980-1988 के बीच इराक और ईरान के बीच खुनी संघर्ष हुआ था जिसमे अमेरिका ने इराक के तत्कालीन शासक सद्दाम हुसैन का समर्थन किया था।

    इराक में रविवार को बगदाद में स्थित अमेरिकी दूतावास के करीब एक विस्फोट हुआ था। खबरों के मुताबिक यह विस्फोट शिया मुस्लिमों के गढ़ की तरफ से किया गया है।

    बीते हफ्ते अमेरिका ने मध्य पूर्व में एक जंगी विमान और एक परमाणु बमवर्षक की तैनाती की मंज़ूरी दी थी। साथ ही पेट्रियट मिसाइल बैटरी और युद्धपोत की तैनाती भी की है। अमेरिका बीते वर्ष साल 2015 में हुई परमाणु संधि से बाहर निकल गया था और ईरान पर सभी कड़े प्रतिबंधों को वापस थोप दिया था। इस निर्णय पर डोनाल्ड ट्रम्प की काफी आलोचनाएं हुई थी।

     

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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